Tuesday, July 13, 2010

कांग्रेसी सरकारी आतंकवाद का क्या ???????????????????

सभी प्रकार के आतंकवाद में आज की तारीख में सबसे ज्यादा प्रचंड और विनाशक है कांग्रेसी सरकारी आतंकवाद और जिसके लिए कोई भी कानून मैं निकट भविष्य में नहीं देख पा रहा हूँ. इस आतंकवाद की बानगी देखिये की पूरा भारत इस आतंकवाद में धूं धूं जल रहा है और कांग्रेसी अट्टहास लगा लगा कर हंस रहे है हमारे भली मानसता और बेचारगी पर. सोनिया जी और राहुल जी बातये की वो राजनीती में है या व्यापार में. यदि राजनीती में है तो क्या कुत्ते और बिल्लियों की राजनीती कर रहे है या मनुष्यों की जो अभी भी एक शब्द महंगाई पर, कश्मीर पर, उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था पर, अमरनाथ पर, केरला में तालिबानियो की नार्शन्ह्ता पर, छत्रपति शिवाजी के मानमर्दन करनेवाली और वीर सावकार जैसे योधा को अपमानित करने पर (वीर सावकार को बेइजत करने तो आपके अजेंडे में है ही) चीन की आप ओलंपिक में अतिथि बनी थी अब वो सीमओं पर आँख दिखा रहा है उस पर आप और आपका परिवार जो देश की सत्ता धारी पार्टी है तो कुछ तो बोलो. हम आप से इसलिए नहीं पूछ रहे की हमे कोई आपको शर्मिंदा करना है पूछ इसलिए रहे है की आप की शह पर सरकारी आतंकवाद चल रहा है उस से हम हिन्दुस्तानी पीड़ित है. जैसे आपने पोटा हटाने पर तत्परता दिखाई थी ऐसी ही इस पर तत्परता अब क्यों नहीं? राष्ट्र मंडल खेलो पर चार लोगो के पेट भरने के लिए पूरी दिल्ली को बंधक आपने बना दिया उस सरकारी आतंकवाद पर कुछ क्यों नहीं बोलते आप. नक्सलियो द्वारा सेना के जवान मरने पर क्यों नहीं आप अपने दिग्विजय को जवानो के घर भेजते जैसे आजमगड़ जाते है वो. इशरत जहाँ और कोर्ट में झूटे प्रमाण पत्र देने पर तीस्ता सीतलवाद को क्यों नहीं जेल भेजते उसको पद्मश्री क्यों? देश चारो और से त्राहि मम कर रहा है कांग्रेसी मिलावट कर रहे है खान पीन की चीजो में उस पर क्यों नहीं बोलती आप या आपका बेटा. वो आपकी बेटी प्रियंका जो वरुण जी को गीता का पाठ पढ़ाने का दावा करती है अब क्यों नहीं बोलती. इस सरकारी आतंकवाद के सरगना तो आप ही है न ? क्यां वाकई गडकरी जी ठीक कहे रहे है की कांग्रेस्सियो ने अपनी बेटी देदी जो अफजल और कस्साब को इतना सम्मान मिल रह है की सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी अभी तक उनको फंसी नहीं दी गई. वो कसाब कह रहा है की किसी हिन्दुस्तानी से शादी करना चाहता हूँ. क्या और कोई प्रमाण चाहिए उसके आराम फरमाने का हिंदुस्तान की तथाकथित फाइव स्टार जेल में. इस को सरकारी आतंकवाद नहीं कहेंगे तो क्या कहेंगे. सीआर पी के जवान नक्सलियो से मरवाए जा रहे है तो क्या इसको सरकारी आतंकवाद नहीं कहेंगे. इन जवानो की क्या कोई कीमत ही नहीं है. अभी आप से कोत्राची के बारे या अमेठी बलात्कार कांड के सरगना के बारे में तो पूछ ही नहीं रहे है. इस मंहगाई को जानबूझ कर भारत के नागरिको पर लादने वाले सरकारी अतंकवादियो के बारे में है कोई जवाब आपके पास. आपने अम्बानी के पेट्रोल पम्प चलवाने के लिए देश के पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ा दिए. क्यों एक एक व्यापारी के लिए १२० करोड़ लोगो को महंगाई की भट्टी में झोंक दे रहे आप और आपकी सरकार. क्यां इसको सरकारी आतंकवाद न कहा जाये ? आप की और आपके पुत्र की ग्रीष्मकालीन छुट्टिया समाप्त होगई तो इस आतंकवाद पर भी कुछ जवाब देदो. जिस तत्परता से आपने पोटा हटा कर भारत राष्ट्र को आतंकवाद से एक दम मुक्त कर दया अब इस सरकारी आतंकवाद से भी उमे मुक्त कर दो.
देश आज हर तरफ से प्रीताडित है उसके जिन्दा लोग मौत मांग रहे है और आप है की एक शब्द नहीं बोल रही. कारन क्या है? देश में हर और अफरातफरी का माहौल है. एक अर्थ्सश्त्री प्रधानमंत्री के कुकर्मो से देश बैठा जा रहा है. कश्मीरियो की चाल से अमरनाथ यात्रा को आतंकित किया जा रहा है उसपर जजिया टेक्स लगाये जा रहे है. दिल्ली में सब्जिय ड्राई फ्रूट से भी महंगी हो गई है अब यह मत कह देना राजीव गाँधी की तरह की रोटी नहीं तो हिन्दुस्तान के लोग ब्रेड क्यूँ नहीं खा लेते है. ड्राई फ्रूट से इन बेचारे हिन्दुस्तानियो को दस्त लग जायेंगे. सत्य यह है की हिन्दुस्तानियो का खून बड़े ही सोफिसटीकेटीड तरीके से चूसा जा रहा है. और इसकी जिम्मेदारी सरकारी आतंकवाद की है. आपके मंत्री एक दुसरे से गली के कुत्तो की तरह लड़ रहे है. वो जैराम नरेश हो, कमलनाथ हो, योजना आयोग के अलुवाल्हिया हो, चिताम्बरम हो, दिग्विजय आपके प्रिय महासचिव हो, जगन अपने मुख्यमंत्री से आंध्र में लड़ता हो, कानपूर का जायसवाल हो या शिवराज पाटिल से शिला दीक्षित हो. यह सब सरकार सांड आपस में लड़कर देश के बहार क्या सन्देश देना चाहते है. आपके ६ वर्ष शासन में देखते देखते चीन हम से और आगे निकल गया और ऊपर से तुर्रा यह की एक महान, इमानदार, शांतिप्रिय अर्थशाश्त्री देश का प्रधान मंत्री है. इसकी महानता की इतनी बड़ी सजा इन भारतीयों को क्यों? इस सरकारी गुंडई और आतंकवाद पर कोई ऊँगली उठाने वाला नहीं है. सी बी आई के डर से लल्लू और माया को आपने बंधक बनाया हुआ है. लोकतंत्र में इस आतंकवाद पर आप क्या बोलेंगे. सुप्रीम कोर्ट की आप सुनती नहीं आपका ग्रहमंत्रालय और सी बी आई आपके हिसाब से आतंकित कर ही रही है, लल्लू और मायावती जी को आपने सी बी आई के द्वारा क्यूँ डराया हुआ है, कौन से आर टी आई से इसका हमे पता चलेगा. देश को इस सरकारी आतंकवाद से मुक्त कौन कराएगा इसमें अभी कौत्रोच , अमेठी बलात्कार काण्ड और स्विस बैंक से पैसा लाना शामिल नहीं है. चारो और घोर मिलावट हो रही है, लोकी में, सब्जी में, दालो में, खाने के तेल में, धरती को बेचा जा रहा है किसानो से छीन छीन कर, इस सरकारी आतंकवाद से देश को मुक्त कौन कराएगा. कब तक देश अपनी असिमिता लुटते पिटते देखता रहे. कब तक बहुसंख्यक का टेक्स मुस्लिम और इस्साइओ के भले में और गरीब हिन्दू की टेक्स के बाद की मेहनत की कमाई अमरनाथ यात्राओ और मानसरोवर यात्राओ पर जजिया कर और टेक्स को सरकार को देती रहे.
सरकारी आतंकवाद के परकाष्ठ तो यह है की ६ साल देश पर शासन करने और दूसरी बार सत्ता में आने के बाद भी यह कोंग्रेसी एन डी ऐ के शासन से तुलना करते रहेते है. इन को नहीं पता की अब तो बस करो, कब तक मरे हुए साप को गले में लपेटे अपनी बहादुरी की सफाई देते रहोगे.
वीर सावरकार का अपमान (जाने अनजाने नहीं जान बुझ कर राक्षश मणि शंकर अय्यर द्वारा किया गया है उस राक्षश को इतना भी बर्दाश्त नहीं हुआ की जहा उनको अंग्रेजो ने जेल में यातनाये दी उस वीर सावरकार के नाम की एक पट्टी ही लगे रहेने दे और देश में ५००० सिखों के नरसंहार के जनक श्री राजीव गाँधी के नाम पर लाखो पुल, बिल्डिंग, संस्था और योजनो के नाम, धिक्कार है तुम पर और तुम्हारी नस्ल पर. छत्रपति शिवाजी का मान मर्दन (गाँधी, नेहेरू, सोनिया गाँधी पर लिखी पुस्तके, फिल्म बनाने से पहेले ही बेन कर दी जाती है, इस्लाम पर लिखी किताबे देश में आने से पहेले ही बेन कर दी जाती है परन्तु शिवाजी की इस घटिया पुरस्तक पर इतनी खोखली दलीले दे राज्ये सरकार ने के उस किताब को हिंदुस्तान में शिवाजी जैसे हिन्दू रक्षक को अपमानित होने दिया गया , माँ भारती और माँ सरस्वती के नग्न चित्र, कांग्रेस के शासन में होने के यदि सरकारी आतंकवाद नहीं तो क्या है? चुन चुन कर हिन्दू चिन्हों और उनके प्रतिको का अपमान सरकारी आतंकवाद नहीं तो क्या है? फ़्रांस की सरकार के लाख पूछने पर भी फ़्रांस में (हिन्दुस्तान में नहीं) भी वीर सावरकर की प्रतिमा लगाने की इजाजत इस सरकार ने नहीं दी. इस को आतंकवाद नहीं तो क्या कहे जो बहुसंख्योको का इतना शोषण और उनको आत्मिक, मानसिक, धार्मिक रूप से ख़त्म करने के लिए उन्ही के देश के सरकारी मुद्रा पर उनके प्रतीक चिन्ह हटा कर इस्साईकरन किया जा रह हो. सिक्को पर चुन चुन कर क्रोस का निशान लगाया जा रहा हो. इस को आतंकवाद नहीं तो क्या कहेंगे. इतने बड़े भारत बंद पर भी प्रधानमंत्री और सत्ताधारी पार्टी देश के नागरिको की न सुने तो कोई इस आतंकवाद के खिलाफ खड़ा हो तो क्या उसको आप क्रांतिकारी नहीं कहेंगे. एक क्रांति चाहिए एक हिन्दू को अपने ही हिंदुस्तान में सरकारी आतंकवाद से मुक्ति के लिए नहीं तो कुत्ते और बिल्ली का जीवन तो जी ही रहे हो परन्तु उनकी जनगणना नहीं होती. और आप चाहते है की जनगणना हो तो वो तो जिन्दा कौमो की होती है. क्या आप हो? वहा वहा वहा साबरमती के संत तुने कर दिया कमाल

1 comment:

  1. आदरणीय भाई ,
    आपकी इस पोस्ट ने बहुत सी यथार्थ बाते डाल दी हैं . आप जैसे अच्छे ब्लोगर वैसे तो टिप्पणियो के मोहताज नहीं हैं पर राष्ट्रभक्ति को समर्पित आपका लेखन भी एक मिसाल ही हैं , ऐसे ही मुद्दों पर बिलकुल ऐसा सा ही मैंने लिखता रहता हु कभी कभी . पर थोडा अकेला पड़ जाने के करण दिक्कत भी होती हैं . मुझे काफी ख़ुशी हुई कि आप जैसे अच्छे लोग अभी संसार में रहते हैं . आशा हैं मेरी कुछ कृतियों में से ये दो राष्ट्रभक्ति से प्रेरित पोस्ट पसंद आएगी . समय मिले तो कृपया पढ़े जरुर ...

    कांग्रेस और मीडिया के लचर कामो पर लेख
    http://saralkumar.blogspot.com/2010/07/blog-post_10.html
    राष्ट्र भक्ति और कांग्रेस की भ्रष्ट सोच के ऊपर कुछ कविताये
    http://saralkumar.blogspot.com/2010/06/blog-post.html
    http://saralkumar.blogspot.com/2010/06/blog-post_08.html
    http://saralkumar.blogspot.com/2010/06/blog-post_22.html
    धन्यवाद
    वीरेन्द्र
    --
    !! श्री हरि : !!
    बापूजी की कृपा आप पर सदा बनी रहे

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