Monday, February 13, 2012

मुस्लिम, आरक्षण, इस्राइल, आतंकवाद और कोंग्रेस की जांच एजेंसिया !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!


हमजा काशगरी ने वैसे तो पैगम्बर मोहम्मद के बारे में जो लिखा है उसमें कहीं से भी पैगम्बर के प्रति नफरत की बू नहीं आती है लेकिन उसको उसकी उन तीन संदेशों के लिए मौत का संदेश भेज दिया गया है जो सही अर्थों में अल्लाह से इश्क का रिश्ता दर्शाता है.  हजरत मोहम्मद साहब के जन्मदिन इद--मिलाद से एक दिन पहले हमजा अपनी पहली ट्वीट पोस्ट में लिखता है कि "आपके जन्मदिन पर मैं कह सकता हूं कि मैं आपके अंदर छिपे विद्रोही को प्यार करता हूं.  इसलिए आप हमारे लिए हमेशा प्रेरणा के स्रोत रहे हैं.  लेकिन मैं आपके आसपास आध्यात्मिक परिवेश (halos of divinity ) नहीं पाता हूं,  इसलिए मैं आपसे नफरत करता हूं." इसके बाद हमजा अपनी दूसरी पोस्ट में लिखता है " आपके जन्मदिन से पहले मैं अपने आसपास जहां देखता हूं,  आपको पाता हूंमैं कह सकता हूं कि मेरे पास आपको प्यार करने और नफरत कर ने दोनों के बहाने हैं." अपनी तीसरीपोस्ट में हमजा लिखता है "आपके जन्मदिन पर मैं आपके सामने सिजदा नहीं करूंगा.  मैं आपके हाथ को भी नहीं चूमूंगाहांमैं आपसे हाथ मिलाउंगा और आपकी ओर देखकर मुस्कराऊंगाठीक वैसे ही जैसे आप मुझे देखकर मुस्कुराएंगेमैं आपसे एक दोस्त की तरह बात करूंगा.  इससे अधिक कुछ नहीं. (सौ.विफोत.कॉम)
मित्रो क्यूंकि यह शख्स साउदी अरब का है जिसे के किंग साउदी ने गिरफ्तार करने का आदेश दे दिया हैकोई दो मत नहीं की इस शख्स को दो एक हफ्ते में पश्चिमी देशो के हो हल्ले के बाद इस्लाम की सर्वोपरिता के लिए फांसी पर ही चढ़ा दिया जायेगा और एक बार फिर इस्लाम के सख्त नियमो के मामले में गुस्ताखी करने वालो को आतंकित कर दिया जायेगा.
दूसरी और हिन्दुओ में देखिये जिस मोहबत को हमजा काशगरी ने बयाँ किया है अपने और मोहम्मद पगेम्बर जी के बारे में उस तरह तो हिन्दुओ में यह हर रोज का किस्सा हैभगवान कृष्ण उनकी बाल लीलाओ के लिए क्या - क्या नहीं कहा जाता हैपरन्तु इस प्रेम को भक्त और भगवान का निजी मामला माना जाता हैऔर कोई भी इसमें हस्तक्षेप नहीं करता हैकोई भी कितना भी बड़ा हिन्दू धर्म का विद्वान या खुद शंकराचार्य ही क्यूँ न हो उसकी औकात नहीं जो एक भक्त और उस के भगवान के बीच आ जाये. यहाँ तो नामदेव जी है जो एक कुत्ते के पीछे पीछे ही भाग पड़े और बोले की प्रभु रुखी रोटी न खाओ घी भी लेते जाओ, कैसी शकल बनाई स्वान की मुझे ओढ़नी उढ़ा दी इंसान की. यहाँ तो कुत्ते में भी भगवान् के दर्शन करने वाले लोग है. अब भगवान् कृष्ण को कोई पति मान लेता है तो कोई अपना बालक (बेटा ) मान लेता है और इस प्रेम में वो उसे गाली भी दे तो उसका मामला निजी ही माना जाता है. 


परन्तु यहाँ तो कुछ भी निजी नहीं सब कुछ सार्वजानिक है. और अपने भगवान् (पेगेम्बर) को प्रेम करने वाले को सजा भी सार्वजानिक है.

अब आते है मुद्दे पर की यह होता क्यूँ है?  खैर यह सब तो मुस्लिम धर्म का राजनितिककरण है. जो की हिन्दुस्तान में भी इस अंधे युग का बीज रोपित करने की पुरजोर कौशिश हो रही है. 


भारत के हिन्दू १९४७ में एक नहीं दो दो देश मुसलमानों को देकर अपने हाथ ही नहीं बल्कि सब कुछ जला चुके के बाद भी. कांग्रेस फिर से वही धर्माधारित विषाक्त बीज बो रही है. शंका है की मुस्लिम आरक्षण फिर से एक और पाकिस्तान बनवाएगा. और हमारे देखते देखते एक और धर्मनिरपेक्ष मुस्लिम नेता सलमान खुर्शीद पाकिस्तान निर्माता जिन्न्हा ही की तरह मुस्लिम वोट की भूख में धर्मनिरपेक्ष से कट्टरपंथी बन गया. न कल महात्मा गाँधी का कुछ बिगड़ा था और न ही आज सोनिया गाँधी व् मनमोहन सिंह का कुछ बिगड़ेगा और देखते ही देखते एक और देश खड़ा हो जायेगा.


देश का ग्रहमंत्री चिताम्बरम हिंदुत्व आतंकवाद ही ढूंढ़ रहा है और उधर सिम्मी, हिजबुल, लश्कर फिर से मजबूत हो कर न केवल देशवासिओ पर बल्कि हमारे विदेशी मेहमान पर भी आतंकवाद की घटनाओ को अंजाम देने लग गया.


जो दिग्विजय और सलमान खुर्शीद बटला हॉउस पर मुस्लिमो को उत्तेजित कर रहे है उनको मुस्लिम आतंकवाद को उकसाने के लिए कतई भी जिम्मेदार नहीं माना जायेगा. 


इसको मुस्लिम तुष्टिकरण नहीं कहेते बल्कि यह मुस्लिम आतंकवाद है. मुझे कोई बताये की ओसामा बिन लादेन और दिग्विजेय में अंतर क्या है


दोनों ही मुसलमानों को भड़का रहे है. जब सोनिया गाँधी के आँखों में से बटला हॉउस के नाम से आतंकवादियो के मरने से आंसू आजाते है तो कोई सुरक्षा कर्मी इन अतंकवादियो के लिए अपनी जान जोंखिम में क्यूँ डालेगा? आज इन्ही लोगो की वजह से हिन्दुस्तान के मुसलमानों के अंतराष्ट्रिये मुस्लिम आतंकवादी संघटनो से घनिष्ट सम्बन्ध हो गए. 


अब बेवकूफ कांग्रेसी जाँच एजेंसी यह ढूंढ़ रही है की इरान से कोई आदमी आया था और इस्राइल दूतावास की कार पर हमला कर दिया. वहा रे मेरी भोली कांग्रेसी जाँच एजेंसी. इन्ही लोकल का इस्तेमाल होता है और हिन्दू भला समझौता एक्सप्रेस, मालेगांव मस्जिद पर हमला क्यूँ करेगा और मिल क्या जायेगा


हिन्दुओ के हर नेता को पता है की यह एक मुर्खता है. अब कांग्रेसी जाँच एजेंसी के यह थेयोरी भी मान लो की हिन्दू - मुस्लिमो में कोई दुश्मनी भी है तो अरे यार पकिस्तान में मुस्लिम मुस्लिम को ही मार रहा है. वहा का हिन्दू लुटने पीटने के बाद भी आतंकवादी नहीं बना और यहाँ जहाँ पर हिन्दू ८५% है देश अपना, सेना अपनी, पुलिस अपनी वहां पर वो आतंकवादी बन गया. यार क्या हास्यप्रद तर्क है. पकिस्तान और बंगलादेश जहाँ पर हिन्दुओ को समूल मिटा दिया वहां पर तो वो आतंकवादी बना नहीं, नेपाल जो कट्टर हिन्दू राष्ट्र था उसको भी धर्मनिपेक्ष बना दिया वहां पर तो वो आतंकवादी नहीं बना परन्तु हिन्दुस्तान में बन गया. 


अरे यार जिन लोगो ने बहार से इस्राइल दूतावास पर हमला करवाया उन्हीनो कांग्रेसी सरकार को भ्रम में डालने के लिए मुस्लिमो पर अटैक करवा दिया. क्या नहीं ऐसा कर सकते? अब कांग्रेस के लिए देश के दुश्मन इतने महत्वपूर्ण नहीं जितना अपने राजनैतिक विरोधियो को निपटाना है. कांग्रेस, वामपंथी, मीडिया को तो मुहं मांगी मुराद हाथ लग गई. बस ५००० वर्ष पुरानी संस्कृति को लगे कोसने और इस बीच हर आतंकवादी घटना को कभी सिलेंडर फटना बता दिया, कभी सीएनजी किट में आग लगनी बता दिया. यह इस्राइल दूतावास की कार नहीं होती तो आपको एक और सीएनजी किट का आग लगना बता दिया जाता. इसराइल प्रधानमंत्री प्रेस कांफ्रेस न करके मुस्लिम अतंकवादियो को आरोपित नहीं करता तो दिल्ली पुलिस इसको किसी पटाखे वाले की गलती बता कर मामला ही ख़ारिज कर देती. 

कांग्रेस और उसके नेता  देश की संप्रभुता और अखंडता से न खेले. अन्यथा यह आग उनके अपने घर में भी पहुँच जाएगी. यह आतंकवादी किसी के सगे नहीं और न ही दिग्विजय और सोनिया गाँधी के ही जिनके मरने पर  इनके आँखों से आंसू टपक रहे है. कांग्रेस के अपने कारनामो से भारत देश पहली बार विदेशी शक्तिओ का प्ले ग्राउंड बन गया. 


कांग्रेस की जाँच एजेसी यदि हिन्दू आतंकवाद - हिन्दू आतंकवाद खेल चुकी हो तो कृपया करके अब इसराइल के प्रधानमंत्री का जवाब दें की क्या कल हुई इसराइल दूतावास की कार पर मुस्लिम आतंकवादी कसूरवार थे की नहीं ? थे तो क्या वो इरान से आये थे और नहीं आये थे तो कौन मुस्लिम संघटन उनके दोस्त है. कांग्रेस की जाँच एजेसी की काबलियत का भी तो पता चले. अब कोर्ट में किसी राम देव या अन्ना हजारे के बाबत तो जवाब नहीं देना की रामदेव और उनके भक्तो की छिताई क्यूँ की? अब तो जवाब देना है इंटरनेशनल मीडिया और इस्राइल. और जवाब देना है इस्राइल को जिसके पास मोसाद जैसी एजेंसी. इन कांग्रेसी जाँच एजेंसिओ ने तो अब तक दो चार साधू सोधु साध्वी पकड़ कर एक बहुत ही बड़े आतंकवाद को भारत से ख़तम ही कर दिया था. और वहां सयुक्त राष्ट्र में बता रखा है की समझौता एक्सप्रेस बम काण्ड पाकिस्तानियो ने किया है जिसका की पकिस्तान के उस समय के ग्रेह्मंत्री रहमान मलिक ने कबूल भी कर रखा है वो भी ओन रिकोर्ड. और यहाँ  भारत देश को कांग्रेसी एजेंसी अपनी मीडिया के माध्यम से हिन्दुओ को आतंकवादी बताती फिर रही है. यह है कांग्रेस का जलालेवतन. खैर अब इस इस्राइल दूतावास बम काण्ड का यदि खुलासा हो जाये तो दिग्विजय सिंह और सलमान खुर्शीद को सामने बैठा कर सोनिया गाँधी की आँखों के आंसुओ के सेम्पल ले लेना अगले चुनाव में काम आयेंगे. अभी प्रियांको गांधी और रॉबर्ट वढेरा को भी २०१४ के लोकसभा के इलेक्शन इन आंसुओ के दम पर ही लड़ने है.

वैसे मुझे कांग्रेस की जाँच एजेंसी की हरकते देख कर एक कहानी याद आगई की जब जंगल में एक बन्दर बड़ा ही उधम मचाने वाला था. हर समय दुसरो को ही सताने में लगा रहेता था. एक दिन उसको एक बांस मिलता है जो बीच में से चीरा हुआ था. एक बुजुर्ग बन्दर ने बड़ा मना किया बेटा इसको मत छेड़, जब इससे तेरा मतलब कुछ है नहीं, इसके बारे में तू कुछ जानता नहीं तो इस बांस को मत छेड़, परन्तु बन्दर न माना और लगा उस से छेड़ छाड़ करने. बस होना क्या था इस उछल कूद में बांस के फटे हुए हिस्से में उसके दोनों अंडकोष फंस गए. अब वो बन्दर था, बांस था और फसे हुए अंडकोष. कोई कुछ भी नहीं कर सका और बन्दर का हाल बेहाल रहा.
अब सत्ताधारी नेता क्या इस से कुछ सबक लेंगे या नहीं ? या धर्म के नाम पर आरक्षण देकर गाँधी के बन्दर बनेगे?

1 comment:

  1. भगवान भी उतर आयें तब भी कुछ नहीं हो सकता...

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